कानपुर देहात। अमरौधा ब्लॉक के शाहजहांपुर में कई दिन से जलापूर्ति का संकट है। करीब साढ़े चार हजार लोग परेशान हो रहे हैं। रविवार को मरुआ गांव की महिलाओं ने खाली बाल्टियां लेकर प्रदर्शन किया।
कहा, कि जल्द सुधार न हुआ तो तहसील में धरना दिया जाएगा। बता दें कि शुक्रवार को भी ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा था। प्रदर्शन पर शनिवार को जलापूर्ति की गई लेकिन रविवार को फिर से पानी घरों में नहीं पहुंचा।
शाहजहांपुर में 250 किलोलीटर क्षमता की टंकी बनी है। यहां से शाहजहांपुर, जहांगीरपुर, सट्टी व मरुआ गांवों में जलापूर्ति की व्यवस्था है। गर्मी में जलापूर्ति व्यवस्था बेपटरी हो गई है। जरूरत का पानी लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
शाहजहांपुर व मरुआ गांव में करीब नौ सौ घरों में कनेक्शन है। पूरी क्षमता से टंकी से जलापूर्ति न होने से शाहजहांपुर में पांच सौ और मरुआ गांव में चार सौ घरों में पानी की किल्लत बनी है। लोगों को जरूरत का पानी नहीं मिल रहा है।
सबसे अधिक समस्या महिलाओं के सामने आ रही है। उन्हें रसोई में भोजन पकाने, पीने, बर्तन और कपड़े धोने के लिए दूर लगे हैंडपंप से पानी भरकर लाना पड़ रहा है। शुक्रवार को जलापूर्ति की किल्लत पर लोगों ने प्रदर्शन किया तो शनिवार को जल निगम के जेई गांव पहुंच गए और जलापूर्ति कराई।
इसके बाद रविवार को फिर से घरों में पानी नहीं पहुंचा। मरुआ गांव में महिलाएं पानी आने का इंतजार करतीं रहीं, लेकिन जब पानी नहीं आया तो खाली बाल्टियां लेकर प्रदर्शन किया। रमाकांती, प्रेमा देवी, रजनी, गीता, रानी देवी, माया देवी, ऊषा, रोशनी आदि ने बताया कि केवल शनिवार को जलापूर्ति ठीक से हुई।
जेई ने भरोसा दिया था कि अब रोज पानी मिलेगा। लेकिन रविवार को फिर से घरों में पानी नहीं आया। कहा कि समाधान के बजाय अधिकारी टरका रहे हैं। जबकि उन्हें गर्मी में पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है।
बिजली कटौती बढ़ गई है। 250 किलोलीटर क्षमता की टंकी पूरी भरने में छह घंटे का वक्त लगता है। टंकी पूरी तरह से भर नहीं पाती है। इधर आगे की तरफ के घरों में पानी भरकर लोग टोंटी नहीं बंद करते हैं। इसकी वजह से दूर वाले छोर पर घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। अब दूसरे नलकूप से सीधे पाइप लाइन में जलापूर्ति के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। अधिकारियों की सहमति पर सीधे पाइप लाइन में जलापूर्ति की जाएगी। इससे प्रेशर से पानी घरों में आएगा। – संजय कुमार, जेई जल निगम