पराली न जलाकर अनेक लाभ उठाएं किसान-डीडी विनोद यादव
सुनाद न्यूज
11 नवंबर 2022
गीतेश अग्निहोत्री
कानपुर देहात। जिले के उप कृषि निदेशक विनोद यादव किसानों को फसलों में खाद के रूप में पराली के उपयोग की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा पराली की खाद बनाकर किसान अगली फसल में ज्यादा पैदावार ले सकते हैं।
बिना सुपर स्ट्रा लगाए कम्बाइन की जाएगी सीज
उपनिदेशक प्रसार ने कहा कि कम्बाइन चालकों को चेतावनी दी है। कि यदि कोई भी कम्बाइन मशीन बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन यंत्रों के प्रयोग के फसल कटाई करती हुयी पायी जाती है तो उसे सीज करा दिया जायेगा।
फसल अवशेष जलाने से मित्र किट होते हैं प्रभावित
उप कृषि निदेशक फसल अवशेष या पराली जलाने से जहॉ एक ओर पर्यावरणीय क्षति, मृदा स्वास्थ्य एवं मित्र कीटों पर कुप्रभाव पडता है वही दूसरी ओर फसलों एवं ग्रामों में अग्निकाण्ड होने की भी सम्भावना होती है। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी के तापमान में वृद्धि होने से मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक दशा पर विपरीत प्रभाव पडता है, मिट्टी में उपस्थित सूक्ष्म जीव नष्ट होते है जिससे जीवांश के अच्छी प्रकार से सडने में भी कठिनाई होती है।
पराली या अवशेष जलाने पर वसूला जाएगा जुर्माना
मा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने पर पूर्णतः रोक लगाते हुए इस दण्डनीय अपराध की श्रेणी में रखा है तथा यदि किसी व्यक्ति द्वारा फसल अवशेष/पराली जलाने की घटना घटित की जाती है। तो राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा-24 एवं 26 के अन्तर्गत उसके विरूद्ध पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रु0 2500/- प्रति घटना, 02 से 05 एकड़ के लिए रु0 5000/- प्रति घटना और 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रु0 15000/- प्रति घटना की दर से अर्थदण्ड वसूले जाने का प्राविधान है।
किसान पराली को डिकम्पोज कर बनाए खाद
फसल कटाई उपरान्त मल्चर, एम0बी0प्लायू, हैप्पी सीडर, सूपर सीडर, आदि इन-सीटू कृषि यंत्रों के माध्यम से जुताई कर दें, जिससे फसल अवशेष छोटे-छोटे टुकडों के कट कर मिट्टी में मिल जायेगा, तदोपरान्त यूरिया/वेस्ट डिकम्पोजर का छिडकाव कर खेत में पानी लगा दे, जिससे फसल अवशेष का प्रबन्धन होने के साथ-साथ खेत को जैविक उर्वरक की प्राप्ति होगी एवं अगली फसल के उत्पादन में वृद्धि होगी।फसल अवशेष से कम्पोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट खाद बना कर जैविक उर्वरक के रूप में प्रयोग कर सकते है।
दो ट्राली पराली गोशाला को दो एक ट्राली गोबर की खाद लो
उपकृषि निदेशक प्रसार ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जनपद में स्थापित गौशालाओं पर पराली दो खाद लो कार्यक्रम का संचालन वृहद रूप से किया जा रहा है। दो ट्राली पराली देकर कृषक भाई उसके बदले एक ट्राली गोबर खाद प्राप्त कर सकते है।