सदगुणों को अपनाने से व्यक्ति पर भगवान की होती है कृपा

शिवली,17 मार्च 2023। कस्बा शिवली के मगननाथ मंदिर पर भागवत कथा में समुद्र मंथन की कथा बताते हुए व्यास रामाशीष ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य के जीवन में अनावृत विचारों का मंथन होता रहता है। एक तरफ सद्गुण रूपी देवता और दूसरी तरफ दुर्गुण रूपी देवता बीच में मन में द्वंद होता है। मन ही मंदाराचल पर्वत है। अगर सद्गुण जीत गए तो व्यक्ति देवता के समान हो जाता है। कहा अहंकार ही मदिरा का प्रतीक है। जिसे दैत्यों ने स्वीकार किया है। कृष्ण जन्म की कथा बताते हुए कहा कि देवकी और वसुदेव की कथा सुनाई और बताया कि दोनों के नामों में देव शब्द जुड़ा है। कहा कि दोनो सद्गुणों पर चलने वाले थे। आपत्ति के क्षणों में कारागृह में रहकर परमात्मा का स्मरण करते रहे। और भगवान को स्वयं अवतार लेकर आना पड़ा।

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